being kvrian|poet’s day|poetry

Ik Insaan hi to hai…
यूँ ख्वाबों को वो बुनता है, पल पल आहिस्ता चलता है. चंद सपने हैं चमक्ती आँखों में, बस पाना उनको चाहता है. होठों पे लिए...
यूँ ख्वाबों को वो बुनता है, पल पल आहिस्ता चलता है. चंद सपने हैं चमक्ती आँखों में, बस पाना उनको चाहता है. होठों पे लिए...
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